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INSURANCE SHORT INFO
1. Insurance क्या होता है?
Insurance एक वित्तीय सुरक्षा कवच होता है जो किसी भी दुर्घटना, बीमारी, नुकसान या अनिश्चित परिस्थिति में आर्थिक मदद प्रदान करता है। आप नियमित प्रीमियम देते हैं और जरूरत पड़ने पर कंपनी नुकसान की भरपाई करती है।

2. क्यों जरूरी है?
- भविष्य की आर्थिक सुरक्षा
- बीमारी या दुर्घटना में सहायता
- परिवार की सुरक्षा
- बड़े खर्चों से बचाव

3. किसे लेना चाहिए?
हर उस व्यक्ति को जिसे अपने परिवार और भविष्य की सुरक्षा की चिंता है।

नीचे पूरा आर्टिकल पढ़ें, जिसमें Insurance की पूरी जानकारी सरल भाषा में समझाई गई है।

इंश्योरेंस क्या होता है, यह सवाल आज के समय में लगभग हर व्यक्ति के मन में आता है क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता के दौर में अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी हो गया है। इंसान जीवनभर मेहनत करता है लेकिन उसके जीवन में किसी भी समय दुर्घटना, बीमारी, आर्थिक नुकसान, सामान का खराब होना या किसी प्राकृतिक आपदा का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में इंश्योरेंस एक तरह की आर्थिक ढाल बनकर हमारे सामने खड़ा होता है। इंश्योरेंस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति या व्यवसाय एक निश्चित प्रीमियम राशि नियमित रूप से भुगतान करता है और बदले में इंश्योरेंस कंपनी यह वादा करती है कि यदि भविष्य में कोई दुर्घटना या नुकसान होता है तो कंपनी उस नुकसान की भरपाई करेगी। यह एक तरह का जोखिम प्रबंधन साधन है जो हमें आर्थिक सुरक्षा और मानसिक शांति देता है। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में इंश्योरेंस की मांग काफी बढ़ी है क्योंकि लोग अब सुरक्षा के महत्व को समझने लगे हैं।

इंश्योरेंस की शुरुआत एक कॉन्ट्रैक्ट से होती है जिसे बीमा पॉलिसी कहते हैं। इस पॉलिसी में स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि बीमाधारक कितनी राशि देगा, कंपनी उसे कौन-कौन से लाभ देगी और किस स्थिति में दावा (क्लेम) स्वीकार किया जाएगा। बहुत से लोग इंश्योरेंस को सिर्फ एक खर्च समझते हैं, लेकिन वास्तव में यह खर्च नहीं बल्कि एक भविष्य की सुरक्षा के लिए किया गया निवेश होता है। जब इंसान स्वस्थ होता है, कमाता है और अपने जीवन के सभी कार्यों को आगे बढ़ाता है, तब उसे लगता है कि कोई समस्या नहीं आएगी और सब कुछ ठीक चलेगा। लेकिन अचानक से बीमारी आने, दुर्घटना होने, नौकरी छूटने, घर में आग लगने या वाहन दुर्घटना जैसी स्थितियों में सबसे अधिक परेशानी आर्थिक समस्या की होती है। इंश्योरेंस इसी मुश्किल समय में आपकी मदद करता है और वित्तीय बोझ को कम कर देता है। यही वजह है कि इंश्योरेंस को आर्थिक सुरक्षा के स्तंभों में से एक माना जाता है।

बाजार में इंश्योरेंस कई प्रकार के होते हैं, जैसे—लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, मोटर इंश्योरेंस, होम इंश्योरेंस, ट्रैवल इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस और भी कई। इनमें से सबसे ज्यादा लोकप्रिय लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस होते हैं। लाइफ इंश्योरेंस में कंपनी व्यक्ति की मृत्यु या किसी गंभीर बीमारी की स्थिति में उसके परिवार को एक निश्चित राशि देती है। यह परिवार की आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि एक व्यक्ति अपने परिवार के लिए पैसा कमाता है, लेकिन अचानक मौत होने पर परिवार आर्थिक रूप से टूट सकता है। लाइफ इंश्योरेंस इस अनिश्चितता को कम करता है और परिवार को आगे बढ़ने में मदद करता है। हेल्थ इंश्योरेंस की बात करें तो यह व्यक्ति के अस्पताल खर्च, ऑपरेशन, इलाज, दवाइयों आदि को कवर करता है। आज के समय में चिकित्सा खर्च बहुत अधिक बढ़ गए हैं और एक मामूली बीमारी का इलाज भी हजारों रुपये में हो सकता है, जबकि गंभीर बीमारी लाखों में पहुँच जाती है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल का पूरा बिल उठाकर परिवार को आर्थिक बोझ से बचाता है।

वाहन रखने वालों के लिए मोटर इंश्योरेंस अनिवार्य होता है। भारत में बिना इंश्योरेंस के वाहन चलाना कानूनन अपराध है। मोटर इंश्योरेंस वाहन को नुकसान, दुर्घटना, चोरी और तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को कवर करता है। जब सड़क पर इतनी भीड़ और दुर्घटनाएँ बढ़ रही हों, तो मोटर इंश्योरेंस बहुत जरूरी हो जाता है। इसी प्रकार घर या दुकान का बीमा भी बहुत लाभदायक होता है क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं, आग, चोरी, शॉर्ट सर्किट आदि से होने वाले नुकसान का बोझ आम आदमी के लिए बहुत भारी पड़ सकता है। लेकिन इंश्योरेंस इस नुकसान की भरपाई कर देता है। ट्रैवल इंश्योरेंस यात्रा के दौरान आने वाली परेशानी जैसे फ्लाइट कैंसिल, सामान खोना, मेडिकल इमरजेंसी आदि की स्थिति में मदद करता है। दुनिया भर में यात्रा करने वाले लोग इसे बहुत महत्व देते हैं।

इंश्योरेंस के काम करने का तरीका काफी सरल है। व्यक्ति या कंपनी नियमित रूप से प्रीमियम देती है। यह प्रीमियम मासिक, त्रैमासिक, छमाही या सालाना हो सकता है। यह राशि इंश्योरेंस कंपनी कई लोगों से इकट्ठा करती है और जब किसी व्यक्ति को नुकसान होता है, तो इसी राशि से उसकी भरपाई करती है। इसे Risk Pooling भी कहा जाता है। इसका मतलब है कि सभी लोग मिलकर एक फंड तैयार करते हैं और कोई एक व्यक्ति मुसीबत में पड़ता है तो उस फंड से उसका नुकसान पूरा किया जाता है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसमें सभी लोग एक-दूसरे की सुरक्षा में अप्रत्यक्ष तौर पर योगदान देते हैं।

इंश्योरेंस के कई लाभ होते हैं। पहला लाभ आर्थिक सुरक्षा है। जीवन में अनिश्चितता हमेशा रहती है और कोई भी व्यक्ति भविष्य में आने वाली समस्या का अनुमान नहीं लगा सकता। इंश्योरेंस हमें इन अनिश्चितताओं से बचाता है और कठिन समय में आर्थिक सहायता प्रदान करता है। दूसरा लाभ मानसिक शांति है। जब व्यक्ति जानता है कि यदि बीमारी या दुर्घटना होती है तो पैसा उसकी समस्या नहीं बनेगा, तब वह जीवन में बिना तनाव के आगे बढ़ सकता है। तीसरा लाभ टैक्स सेविंग है। भारत में कई इंश्योरेंस योजनाओं में आयकर कानून की धारा 80C और 10(10D) के तहत कर लाभ मिलता है। इस तरह लोग भविष्य की सुरक्षा के साथ-साथ टैक्स भी बचा सकते हैं। चौथा लाभ यह है कि इंश्योरेंस व्यक्ति की बचत और निवेश की आदत को बढ़ाता है। यह सुनिश्चित करता है कि वह नियमित रूप से कुछ पैसा भविष्य के लिए बचा कर रखे।

आज के समय में डिजिटल इंडिया के कारण इंश्योरेंस खरीदना बहुत आसान हो गया है। पहले लोगों को कंपनी के ऑफिस में जाना पड़ता था, एजेंट से मिलना पड़ता था और एक लंबी प्रक्रिया के बाद पॉलिसी मिलती थी। लेकिन अब लोग मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर जाकर कुछ मिनटों में पॉलिसी खरीद सकते हैं। अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियाँ ऑनलाइन डॉक्यूमेंट अपलोड, डिजिटल सिग्नेचर और इंस्टेंट पॉलिसी जारी कर देती हैं। इससे समय की बचत होती है और ग्राहक को ज्यादा पारदर्शिता मिलती है। क्लेम प्रक्रिया भी पहले की तुलना में काफी आसान हो गई है। अब ग्राहक ऑनलाइन क्लेम दर्ज कर सकते हैं, डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं और कुछ मामलों में कैशलेस सुविधा मिल जाती है, जिसमें ग्राहक को अपने पॉकेट से पैसे नहीं देने पड़ते।

इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सबसे पहले व्यक्ति को अपनी जरूरत के अनुसार सही पॉलिसी चुननी चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी है, तो उसके लिए टर्म इंश्योरेंस बहुत महत्वपूर्ण होता है। वहीं स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम अधिक हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंस आवश्यक है। दूसरा, पॉलिसी की शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। बहुत से लोग पॉलिसी लिए बिना पढ़े एजेंट पर भरोसा कर लेते हैं और बाद में क्लेम रिजेक्ट हो जाता है क्योंकि उन्हें नियम और शर्तों की जानकारी नहीं होती। तीसरा, विश्वसनीय और बड़ी इंश्योरेंस कंपनी चुनना हमेशा फायदेमंद होता है क्योंकि ऐसी कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो अधिक होता है।

इंश्योरेंस से जुड़े कई गलतफहमियाँ भी लोगों के मन में होती हैं। जैसे कुछ लोग सोचते हैं कि अगर उन्हें बीमारी नहीं हुई या दुर्घटना नहीं हुई तो उनका प्रीमियम पैसा बर्बाद हो जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि इंश्योरेंस एक सुरक्षा उपकरण है, न कि रिटर्न देने वाला निवेश। यह उसी तरह है जैसे आप अपने घर में ताला लगाते हैं — ताले का फायदा तभी समझ आता है जब चोरी होने का खतरा हो। उसी प्रकार इंश्योरेंस का फायदा तब सामने आता है जब कोई जोखिम उत्पन्न होता है। इसलिए इंश्योरेंस को एक सुरक्षा कवच मानकर लेना चाहिए।

भारत में सरकार भी लोगों को इंश्योरेंस के प्रति जागरूक करने के लिए कई योजनाएँ चलाती है, जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, आयुष्मान भारत योजना आदि। इन योजनाओं में बेहद कम प्रीमियम में बड़ी सुरक्षा दी जाती है ताकि हर व्यक्ति इंश्योरेंस के दायरे में आ सके। सरकार का लक्ष्य है कि देश का हर नागरिक आर्थिक रूप से सुरक्षित हो।

कुल मिलाकर, इंश्योरेंस हमारे जीवन की एक बुनियादी जरूरत है। जैसे हम अपने घर, बच्चों की पढ़ाई, खाने-पीने और कपड़ों पर खर्च करते हैं, वैसे ही इंश्योरेंस पर खर्च करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यह न केवल हमारे जीवन को सुरक्षित बनाता है बल्कि हमारे परिवार को भी अनिश्चित परिस्थितियों से बचाता है। बदलते दौर, बढ़ते खर्च और बढ़ते जोखिमों के बीच इंश्योरेंस एक भरोसेमंद सुरक्षा कवच बनकर हमारे सामने आता है। जो लोग समय रहते सही बीमा पॉलिसी ले लेते हैं, वे भविष्य में आने वाली आर्थिक मुसीबतों से काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी जरूरत, आय और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस अवश्य लेना चाहिए, क्योंकि एक सही निर्णय जीवनभर की सुरक्षा बन सकता है और मुसीबत के समय यही निर्णय सबसे बड़ा सहारा बनकर खड़ा होता है।
Disclaimer - यह जानकारी शोध और अनुभव के आधार पर दी गई है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं जांच करें।

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